इस समय जहां प्रयागराज महाकुंभ चल रहा है वहीं दूसरी ओर हरिद्वार में निकाय चुनाव की सरगर्मिंया तेज हो गई हैं। दोनों ही प्रमुख दल भाजपा और कांग्रेस अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे है। जबकि दोनों ही दलों के प्रत्याशियों को भीतरघात का भी डर सता रहा है। भाजपा ने जनपद हरिद्वार से 22 बागियों को बाहर का रास्ता दिखाकर जहां कार्यकर्ताओं में अनुशासन बनाए रखने का संदेश दिया है। वहीं दूसरी ओर भाजपा को हरिद्वार में अब संतों की कमी भी खल रही है।
नगर निगम में हरिद्वार और शिवालिकनगर पालिका अध्यक्ष पद पर भाजपा प्रत्याशी को जीत दिलाने के लिए भाजपा के दिग्गज पूरी तरह मैदान में उतर चुके हैं। हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत लगातार चुनाव संचालन समिति के साथ बैठक कर कार्यकर्ताओं को जीत का मूलमंत्र दे रहे हैं। वहीं शहर विधायक मदन कौशिक, रानीपुर विधायक आदेश चौहान के अलावा जिला प्रभारी ज्योति प्रसाद गैरोला समेत भाजपा के तमाम बड़े पदाधिकारी हरिद्वार में चुनाव की कमान संभाले हुए हैं। रोज समीक्षा की जा रही है। जहां जहां पार्टी की स्थिति कमजोर है वहां पार्टी प्रत्याशी की स्थिति मजबूत करने के लिए जोर दिया जा रहा है। मेयर प्रत्याशी का चुनाव हरिद्वार के कई चेहरों को राजनैतिक भविष्य भी तय करेगा। सबसे अधिक प्रतिष्ठा दांव पर शहर विधायक मदन कौशिक की है। मेयर प्रत्याशी किरन जैसल के चुनाव की पूरी कमान उन्होंने अपने हाथ में ले रखी है।
वहीं दूसरी ओर निकाय चुनाव के बीच चल रहे प्रयागराज कुंभ ने भी भाजपा की चिंता बढ़ा रखी है। इस समय हरिद्वार के सभी संत प्रयागराज में डेरा जमाए हैं, यहां सभी अखाड़े और आश्रम खाली पड़े हैं। भाजपा का यह वोट बैंक हरिद्वार में ना होने की वजह से भाजपा को संतों के वोट बैंक का नुकसान अवश्य झेलना पड़ेगा। हालांकि भाजपा पदाधिकारियों का कहना है कि भाजपा कार्यकर्ताओं की पार्टी है। सभी कार्यकर्ता पार्टी प्रत्याशी की जीत के लिए एकजुटता के साथ मैदान में हैं। दावा किया जा रहा है कि चुनाव के दिन संत समाज अपने वोट का इस्तेमाल जरूर करेगा।