समग्र विश्व में 21 जून विश्व योग दिवस के रूप में मनाया जाता है। पिछले एक दशक से विश्व के कई सारे देशों ने योग को अपनाया है। योग भारतीय संस्कृति की अमूल्य धरोहर है जिसे अपनाकर मनुष्य जाति, धर्म, रंग, लिंग, भाषा के भेद से ऊपर उठकर स्वयं को संतुलित कर अपनी आध्यात्मिक एवं सर्वांगीण प्रगति कर सकता है।
हिमालयीन ध्यान संस्कार के प्रणेता शिवकृपानंद स्वामी ने आत्मज्ञान प्राप्त करने के लिए कई साल हिमालय में ध्यान-साधना की है और पिछले 31 साल से हिमालय के गहन ज्ञान को समाज में बांटने का कार्य अविरत कर रहे हैं। उनके अथक प्रयत्नों से आज यह ध्यान विश्वभर में फैला है और 72 से अधिक देश के लोग इसी पद्धति से ध्यान करके अपना सर्वांगीण विकास कर रहे हैं। हाल ही में स्वामीजी अपनी जर्मनी की यात्रा पर हैं इस साल विश्व योग दिवस स्विट्जरलैंड और ऑस्ट्रिया की मध्य में स्थित लिक्टनश्टाइन में पूज्य स्वामीजी के सान्निध्य में मनाया गया।
विश्व योग दिवस के अंतर्गत वर्ल्ड मेडिटेशन फाउंडेशन, समर्पण मेडिटेशन द्वारा योग दिवस पर लिक्टनश्टाइन में स्वामीजी के सान्निध्य में पूरा आयोजन किया गया। संस्था के अध्यक्ष मीयाऊ हाय ने स्वामीजी को सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया। इस कार्यक्रम में विभिन्न देशों के लोग सम्मिलित थे।
स्वामीजी ने अपने प्रवचन में योग, परमात्मा, गुरु, आत्मधर्म, ध्यान जैसे विषयों के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी। उपस्थित लोगों के प्रश्नों का समाधान भी किया और अंत में ध्यान का अनुभव भी करवाया। ऊर्जामय वातावरण में कार्यक्रम संपन्न हुआ। योग को सही रूप में लोग अपनाए इसके लिए स्वामीजी प्रयत्नशील हैं।