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प्रशासन ने राहत-बचाव अभियान किया तेज

जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में रविवार तड़के बादल फटने और भूस्खलन की दो अलग-अलग घटनाओं ने तबाही मचा दी। जिले के राजबाग और जंगलोट क्षेत्र में आई इस आपदा में सात लोगों की मौत हो गई, जबकि पांच अन्य घायल हो गए। रातभर हुई मूसलाधार बारिश से कई इलाकों में जलभराव और भूस्खलन की स्थिति बन गई है।

जोध घाटी गांव में बादल फटने से पांच लोगों की मौत हुई और कई घर क्षतिग्रस्त हो गए। वहीं जंगलोट क्षेत्र में भूस्खलन के कारण दो लोगों की जान चली गई। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है और एसडीआरएफ, पुलिस व स्थानीय लोग मिलकर राहत-बचाव कार्य में जुटे हैं।

जिला विकास आयुक्त राजेश शर्मा ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ घटनास्थल पर पहुंचकर हालात का जायजा लिया। प्रशासन ने लोगों से जलाशयों और नदियों से दूर रहने की अपील की है, क्योंकि उझ नदी का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस आपदा पर गहरा शोक जताते हुए प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता का भरोसा दिलाया और राहत-बचाव कार्य तेज करने के निर्देश दिए। वहीं, केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने भी हालात की जानकारी लेकर आश्वासन दिया कि सेना, अर्धसैनिक बल और प्रशासन पूरी तत्परता से काम कर रहे हैं।

इस त्रासदी में मरने वालों में जंगलोट की रेणु देवी (39) और उनकी बेटी राधिका (9) के अलावा जोधे गांव के सुरमु दीन (30), उनके बेटे फानू (6) व शेडू (5), हबीब दीन का बेटा टाहू (2) और बशीर अहमद की बेटी ज़ुल्फान (15) शामिल हैं।

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