हरिद्वार (ब्यूरो,TUN) धर्मानगरी हरिद्वार में कई प्राचीन मंदिर है उनमें से एक प्राचीन सिद्ध पीठ मंदिर चंडी देवी का माना जाता है यह मंदिर हिमालय के शिवालिक पहाड़ी पर स्थित है यह नील पर्वत पर बनाया गया है कहा जाता है कि आदि शंकराचार्य ने इसको स्थापित किया था इस मंदिर में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं का आगमन साल भर लगा रहता है और चढ़ी चौदस के दिन यहां पर खासी भीड़ दिखाई देती है

इस मंदिर में जाने के दो रास्ते हैं एक तो आप उड़न खटोले के द्वारा जा सकते हैं जबकि दूसरा पैदल रास्ता है जो कि जंगलों के बीच में से गुजरत हुआ मंदिर तक
पहुंचता है यह रास्ता वन विभाग के अंतर्गत आता है यह पैदल रास्ता काफी लंबा है और इस पैदल रास्ते पर कई सारे खाने पीने की दुकान उपलब्ध है

हालांकि यह पैदल रास्ता खतरनाक है क्योंकि जंगल के रास्ते में जानवरों का आना संभव होता है
इस पैदल रास्ते में 50 से ऊपर दुकान लगी हुई मिल जाएगी जिसमें आपको हर तरह का भोजन व नाश्ता उपलब्ध हो जाएगा पर इसकी वजह से यहां पर जंगली जानवर का आगमन ज्यादा होता है जिसके कारण इन दुकानों की वजह से इस रास्ते में खतरा बढ़ जाता है हालांकि इन सब की जिम्मेदारी वन विभाग की होती है और उसको यह देखना होता है कि यहां दुकान लगे या नहीं पर वन विभाग की अनदेखी के कारण यहां पर कई दुकानें लग जाती है जिससे श्रद्धालुओं की जान का खतरा बना रहता है

हालांकि यहां पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा की भी कोई व्यवस्था नहीं है सब मां चंडी देवी की कृपा से चलता है
अब यह देखना होगा कि वन विभाग इन अवैध दुकानों पर कोई कार्रवाई करता है या ऐसे ही श्रद्धालुओं की जान के साथ खिलवाड़ होता रहेगा