Sat. Jan 11th, 2025

हाईकोर्ट के सख्त रवैए और कड़ी टिप्पणी पर हरकत में आई सरकार ने बागेश्वर के जिला खान अधिकारी को तत्काल सस्पेंड कर दिया। वहां नए खनन अधिकारी की नियुक्ति भी कर दी है। खनन में लगीं सभी मशीनें सीज की जाएंगी। सरकार ने खड़िया खनन के लिए नई एसओपी भी जारी कर दी है।

हाईकोर्ट में बागेश्वर जिले की तहसील कांडा के कई गांवों में खड़िया खनन की वजह से आई दरारों के मामले में स्वतः संज्ञान लेने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई की। मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र एवं वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की खंडपीठ ने खनन में अनियमितता को लेकर सख्त रुख अपनाया। हाईकोर्ट के पूर्व के आदेश के क्रम में डीएम बागेश्वर, जिला खान अधिकारी सहित अन्य अधिकारी कोर्ट में पेश हुए।

कोर्ट ने अधिकारियों को फटकारते हुए खान अधिकारी को तुरंत सस्पेंड करने की जरूरत बताई। इस पर सरकार ने तत्काल अमल करते हुए वागेश्वर के जिला खनन अधिकारी को सस्पेंड कर दिया। हाईकोर्ट के मुख्य स्थायी अधिवक्ता चंद्रशेखर रावत ने बताया कि सरकार ने शाम को खनन अधिकारी को सस्पेंड कर वहां नए खनन अधिकारी की नियुक्ति कर दी है।

रावत ने बताया कि सरकार ने खनन के लिए नई एसओपी भी जारी कर दी है। खनन में लगी सभी मशीनों को सीज करें और अपनी रिपोर्ट कोर्ट में पेश करें। पूर्व तिथि को मामले को गंभीर पाते हुए कोर्ट कमिश्नर की रिपोर्ट का आकलन करके निदेशक खनन व सचिव औद्योगिक व डीएम बागेश्वर को कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से पेश होने के आदेश दिए थे। कोर्ट कमिश्नर की रिपोर्ट के तहत खड़िया खनन करने वालों ने वनभूमि के साथ सरकारी भूमि में भी नियम विरुद्ध खनन किया हुआ है। इससे पहाड़ी दरकने लगी है और कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।

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