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आल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन ने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग संकाय में ड्रोन्स सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस की स्थापना करने का निर्णय लिया है। 123 वर्ष पुराना गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय नवीनतम ड्रोन टेक्नोलॉजी पर कार्य कर रहा है। जिसके चलते एआईसीटीई द्वारा मेसर्स एवीपीएल इंटरनेशनल कंपनी के सहयोग से एआईसीटीई द्वारा अनुदानित उत्तराखंड राज्य की प्रथम ड्रोन लैब गुरूकुल कांगड़ी विवि में स्थापित करने का निर्णय लिया है। इसके माध्यम से छात्र अपने ज्ञान को और अधिक सुदृढ़ कर सकेंगे।

विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर हेमलता ने बताया कि ड्रोन्स पर्वतीय राज्य उत्तराखंड के सुदूर क्षेत्रों में गतिविधियों को गतिमान रखने में अहम भूमिका अदा करेगा। समाज को इसका लाभ मिलेगा और विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक और इंजीनियर मिलकर नए ड्रोन विकसित करेंगे।

कुलसचिव प्रोफेसर सुनील कुमार ने बताया कि इंजीनियरिंग संकाय नई तकनीकों पर कार्य कर रहा है। ड्रोन सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस इनोवेशन की दिशा में नई उपलब्धियां हासिल करेगा। संकायाध्यक्ष प्रोफेसर विपुल शर्मा ने इस उपलब्धि पर सभी छात्रों एवं शिक्षकों को बढ़ायी दी। मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रभारी डा.संजीव लांभा ने बताया कि एआईसीटीई द्वारा पूरे भारत में 50 ड्रोन लैब स्थापित की जानी है। जिसके अंतर्गत उत्तराखंड में लैब की स्थापना के लिए गुरुकुल कांगड़ी विवि के इंजीनियरिंग संकाय का चयन किया गया है। वित्ताधिकारी प्रोफेसर राकेश जैन, डा.मुरली मनोहर तिवारी, प्रोफेसर प्रभात सेंगर, प्रोफेसर विवेक गुप्ता, प्रोफेसर नवनीत, डा.धर्मेंद्र बालियान आदि ने भी छात्र-छात्राओं और शिक्षकों को शुभकामनाएं दी।

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