Sat. Dec 21st, 2024

देहरादून (ब्यूरो,TUN) वरिष्ठ पत्रकार श्री बृजेन्द्र हर्ष (जो एक स्थापित साहित्यकार भी हैं)ने साहित्य प्रसारण के लिए एक यूट्यूब चैनल हर्षवानी(harshvani) लाँच किया है। इसका उद्घाटन ऑल मीडिया जर्नलिस्ट एसोसिएशन उत्तराखंड के प्रदेश महासचिव रविंद्र नाथ कौशिक ने किया
श्री हर्ष जी इस अवसर पर बोलते हुए कहा कि हम अब तक स्वान्त:सुखाय साहित्य सृजन करते रहे हैं। मित्रों के आग्रह पर फेस बुक पर आ जाने के बाद हमने महसूस किया कि हिन्दी काव्य में कविता के नाम पर न जाने क्या-क्या परोसा जा रहा है जो नवागन्तुकों को साहित्य की सही राह से भटका सकता हैः यह सोचकर हमने सभी हिन्दी काव्य के क्षेत्र में रुचि रखने वाले नए युवक-युवतियों के मार्ग दर्शन हेतु इस यू ट्यूब चैनल हर्षवानी(harshvani) का निर्माण किया है।

श्री बृजेंद्र हर्ष की कुछ उपलब्धियां
आपको बता देंगे श्री बृजेन्द्र हर्ष जी अपने मुख्य प्रोफेशन पत्रकारिता के साथ साहित्य सृजन के क्षेत्र में भी निरन्तर क्रियाशील रहे हैं। उन्होंने साहित्य सृजन के साथ -साथ छंद के अध्य्यन का कार्य भी जारी रखा । साहित्य सृजन के लम्बे सफर के बाद स्वान्त:सुखाय वाले सृजन के कार्य ने साहित्य के प्रति कर्तव्य बोध का रूप ले लिया।

हर्ष जी ने हिन्दी काव्य के क्षेत्र में लगभग हर विधा में सृजन किया है।
काव्य विधा की दृष्टि से दोहा, सोरठा,दोहावली, कविता, कवितावली , मुक्तक, घनाक्षरीछंद, सवैया छंद,
गीतिका, गीत, आदि में तो सृजन किया ही है साथ ही ग़ज़ल के क्षेत्र में शाइरी के मूल
अरूज़ ( ग्रामर) की सूक्ष्म जानकारी हासिल कर मशहूर शाइर (रुबाईकार) डा. श्यामानन्द सरस्वी जी के सान्निध्य में शाइरी का सफर शुरू किया। आज काफी समय के बाद भी ग़ज़ल के क्षेत्र में उनका अनेक जानकारों की छाया में शायरी का अध्य्यन जारी है।

वरिष्ठ पत्रकार और साहित्यकार बृजेंद्र हर्ष ने कहा

साथ ही उन्होंने कहा कि साहित्य एक अथाह सागर है इस क्षेत्र में हर साहित्यकार के लिए सदैव विद्यार्थी बने रहना ही हितकर है और श्रेयस्कर भी।
चैनल के माध्यम से सदैव साहित्य सेवा से जुड़े रहकर हर उस व्यक्ति के सहयोगी बन कर सेवारत रहना चाहते हैं जिन्हें आज सही मार्ग दर्शन की आवश्यकता है और उनका सान्निध्य ग्रहण करने की भी चाहत है जो उन्हें मार्गदर्शन प्रदान करने की सामर्थ्य रखते हैं।
इस चैनल के माध्यम् से सभी हिन्दी सेवियों एवं प्रेमियों से सहयोग की अपील की है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *