हरिद्वार, 10 मार्च। देवसंस्कृति विश्वविद्यालय में खेलकूद व सांस्कृतिक प्रतियोगिता उत्सव-2025 का शुभारंभ हुआ। इस अवसर पर विवि के प्रतिकुलपति डा.चिन्मय पण्ड्या ने विवि में ध्वजारोहण के साथ खेल के नियमों का पालन करने की प्रतिज्ञा दिलवाई।
इस दौरान राजपथ पर परेड में चयनित एनसीसी और एनएसएस के प्रतिभागियों ने खेल मशाल को लेकर ग्राउंड की परिक्रमा की। उत्सव-2025 के प्रथम दिन क्रिकेट, मेंहदी प्रतियोगिता, बॅालीबाल सहित विभिन्न प्रकार के खेलों का आयोजन हुआ।
इसमें विद्यार्थियों ने उत्साह एवं उमंग के साथ भागीदारी की।
शुभारंभ के अवसर पर प्रतिकुलपति डा.चिन्मय पण्ड्या ने कहा कि खेलकूद व सांस्कृतिक कार्यक्रम को सौहार्द्र पूर्ण वातावरण में मनाने से एक दूसरे के प्रति आत्मीयता का भाव उत्पन्न होता है, जो पारिवारिकता के लिए सर्वाेपरि है।
प्रतिभागियों को दिये अपने संदेश मे देसंविवि के कुलाधिपति डा.प्रणव पण्ड्या एवं कुलसंरक्षिका शैलदीदी ने कहा कि विश्वविद्यालय का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों का सामाजिक एवं मानसिक विकास करना है, ताकि वे समाज में अपनी भूमिका को समझें और एक जिम्मेदार नागरिक बनें। उन्होंने कहा कि वे इस उत्सव का हिस्सा बनकर अपने अंदर की छिपी हुई प्रतिभाओं को निखारें और एक दूसरे के साथ मिलकर इस अद्भुत वातावरण का आनंद लें।
खेल अधिकारी नरेन्द्र सिंह के अनुसार देसंविवि के 23वें वार्षिकोत्सव उत्सव-2025 के प्रथम सत्र में क्रिकेट मैच कुलाधिपति एकादश व विद्यार्थी एकादश के बीच हुआ। टॉस जीतकर कुलाधिपति एकादश ने निर्धारित 12 ओवर में 98 रन बनाये।
प्रतिकुलपति डा.चिन्मय पण्ड्या ने कई खूबसूरत शॉट लगाये। प्रतिकुलपति ने 35 तथा व्यवस्थापक योगेन्द्र गिरि ने 15 रन का योगदान दिया।
जवाब में विद्यार्थी एकादश ने 12वें ओवर के अंतिम गेंद में छक्का लगाकर मैच जीत लिया। जेवलिन थ्रो के छात्रा वर्ग में निशिका आर्य को हराकर वसुंधरा कश्यप ने 25.3 मीटर के साथ पहला स्थान प्राप्त किया। शॉटपुट में वसुंधरा को प्रथम एवं दिव्यांशी को दूसरा स्थान मिला। सांस्कृतिक विभागाध्यक्ष डा.शिवनारायण प्रसाद ने बताया कि शास्त्रीय संगीत, एकल गायन, समूह गायन, नृत्य, वाद-विवाद प्रतियोगिता आदि के प्रथम चरण में विद्यार्थियों ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। प्रतियोगिताओं का फायनल 12 मार्च को होगा।
इस अवसर पर कुलपति श्री शरद पारधी, प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पण्ड्या, कुलसचिव श्री बलदाऊ देवांगन सहित विवि परिवार, शांतिकुंज व ब्रह्मवर्चस शोध संस्थान के अंतेवासी कार्यकर्त्ता गण मौजूद रहे।