Sat. Oct 5th, 2024

हरिद्वार (ब्यूरो,TUN) पतंजलि भारतीय आयुर्विज्ञान एवं अनुसंधान संस्थान (पतंजलि आयुर्वेद महाविद्यालय) के तत्वाधान में धन्वंतरि जयंती की पूर्व संध्या पर ‘आयुर्वेद दिवस’ कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण जी ने कहा कि आयुर्वेद को सर्वविद् रूप में सर्वव्यापी व विश्वव्यापी बनाने का महान अभियान पतंजलि के माध्यम से गतिमान है। उन्होंने पतंजलि आयुर्वेद महाविद्यालय के विद्यार्थियों को संकल्प दिलाया कि जब तक इस धरा पर पतंजलि का एक भी विद्यार्थी इस है तब तक आयुर्वेद की प्रतिष्ठा पर आँच नहीं आने देंगे।


उन्होंने विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि जिस विधा से आप जुड़े हैं उसमें अनादिकाल से बहुत सामर्थ्य, शक्ति व प्रभाव है। आप इस कालजयी व्यवस्था के कालातीत पद्धति के संवाहक हैं, आप पतंजलि से जितना भी ज्ञान प्राप्त कर रहे हैं उसे मानवता की सेवा में समर्पित करें।


आचार्य जी ने कहा कि आज बड़े-बड़े अस्पतालों में आज आयुर्वेद के डिविजन खोले जा रहे हैं जो मात्र एक कमरे तक ही सीमित हैं। यहाँ आयुर्वेद को छोटा बनाकर प्रस्तुत किया जा रहा है। यह आयुर्वेेद की प्रतिष्ठा नहीं आयुर्वेद को लेकर बड़ा षड्यंत्र है।
इस अवसर पर आचार्य जी ने जानकारी देते हुए कहा कि पतंजलि योगपीठ स्थित हॉस्पिटल अब इंटिग्रेटिड मेडिसिन सिस्टम का सबसे बड़ा केन्द्र बनने जा रहा है। यहाँ रेडियोलॉजी, पैथोलॉजी से लेकर सभी इमरजेंसी सुविधाओं की व्यवस्था उपलब्ध रहेगी। हमने यदि यह सब नहीं किया तो आयुर्वेद को कुचल दिया जाएगा।
इस अवसर पर पतंजलि आयुर्वेद महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं को उत्तराखण्ड में परीक्षाओं में अग्रणी रहने पर पुरुस्कृत किया गया। इनमें इस वर्ष 2019 बैच की रिया गर्ग को सम्पूर्ण विवि में 82.57 प्रतिशत, गत वर्ष 2019 बैच के देवांश सिंह राजपूत को 80 प्रतिशत, प्रीति बुगाना को क्लास रेंक-3 में 77.9 प्रतिशत, 2020 बैच से क्लास रेंक-1 में ज्योति शर्मा को 76.6 प्रतिशत, दिव्या को क्लास रेंक-2 में 75.6 प्रतिशत, याशिका सैनी को क्लास रैंक-3 में 73.2 प्रतिशत अंक प्राप्त करने हेतु पुरुस्कृत किया गया।


कार्यक्रम में आचार्य जी ने यह भी बताया कि पतंजलि प्राकृतिक आपदाओं में मानवता की सेवा में समर्पित रहा है। इसी क्रम में पतंजलि के द्वारा नेपाल में भूकम्प पीड़ितों के सहायतार्थ 7 ट्रकों जरूरी सामान तथा खाद्य सामग्री भेजी जा रही है। लगभग 1 करोड़ की इस सामग्री में आटा, चावल, दालें, तेल, नमक, मसाले, साबुन, कम्बल, तिरपाल इत्यादि शामिल हैं।
कार्यक्रम में पतंजलि विश्वविद्यालय के प्रति-कुलपति प्रो. महावीर अग्रवाल, पतंजलि आयुर्वेद महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. अनिल कुमार, डॉ. प्रत्युष सिंह, डॉ. दया शंकर सिंह, डॉ. अरूण पाण्डे, डॉ. राजेश मिश्र, डॉ. श्वेता साहनी, डॉ. विभूति व छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहे।

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